बलिया, अप्रैल 5 -- नगर की काशीपुर (नई बस्ती) के लोग दशकों बाद भी सुविधाओं को तरस रहे हैं। मोहल्ले में झाड़ू कभी-कभार ही लगता है। घर-घर कूड़ा कलेक्शन करीब दो वर्षों से बंद है। खाली प्लॉट ही कूड़ाघर बने हैं। डम्प कूड़ों का निस्तारण भी नहीं होता, लिहाजा गंदगी और बदबू आदत बन गयी है। बिजली के तारों का जाल और झूके खम्भों से हादसे का डर बना रहता है। अधिकांश सड़कें आज भी कच्ची हैं। नालियों का निर्माण इस ढंग से किया गया है कि बारिश होने पर पानी सड़क से ही बहता है। बस्ती में ही 'हिन्दुस्तान के साथ बातचीत में मोहल्ले के लोगों ने दिक्कतें गिनानी शुरू कीं तो परत खुलती चली गयी। पेशे से अधिवक्ता कुमार विवेक सिंह ने कहा कि नगरपालिका क्षेत्र में लोगों ने इस उम्मीद के साथ घर बनवाए कि नगरीय इलाके के लिए निर्धारित सुविधाएं मिलेंगी। यहां तो हालात ही दूसरे हैं...