बलिया, जून 9 -- बास्केटबॉल युवा पीढ़ी का पसंदीदा खेल बन चला है। खासकर स्कूल-काॅलेज के छात्र-छात्राओं में इसके प्रति दिलचस्पी बढ़ी है। जिले के एकमात्र स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रतिदिन कई बच्चे,युवा इस खेल का अभ्यास करने पहुंचते हैं। वे बिना पर्याप्त संसाधन और गाइडेंस के अभ्यास कर रहे हैं। उनका खेल निखारने के लिए यहां कोच भी नहीं हैं। सिंथेटिक कोर्ट नहीं है, सभी को सीमेंटेड कोर्ट पर अभ्यास करना पड़ता है। पोल और रिंग भी मानक के अनुसार नहीं हैं। स्टेडियम में महिला खिलाड़ियों के लिए चेजिंग रूम की कमी अखरती है। वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम में 'हिन्दुस्तान से बातचीत में बास्केटबॉल खिलाड़ियों ने मैदान और खेल से जुड़ी दिक्कतों को साझा किया, बेहतरी के सुझाव भी दिए। यशराज ने बताया कि रुचि के बावजूद यहां की प्रतिभाएं कुछ खास नहीं कर पा रही हैं। क्यों...