बलिया, जून 13 -- नगर की काशीपुर पुरानी बस्ती में हर साल बारिश के दिनों में बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं। बिजली के बेतरतीब तार हादसों को न्यौता दे रहे हैं। कई जगह पोल के अभाव में बांस-बल्लियों के सहारे दौड़ रहे केबल कब कहां से दगा दे देंगे, कुछ कह नहीं सकते। शहरी होने का 'सुख ऐसा कि कोई बीमार पड़ जाए तो एम्बुलेंस घर तक नहीं पहुंच पाती। कई गलियों में कायदे की सड़कें नहीं हैं। यहां के बाशिंदों को काफी हद तक गांव वाली 'फीलिंग होती रहती है। काशीपुर के लोगों ने 'हिन्दुस्तान से नगरीय सुविधाएं न मिलने का दर्द बयां किया। लालसाहब यादव ने बताया कि करीब पांच दशक पहले हुए सीमा विस्तार के समय इस मोहल्ले को नगरपालिका में शामिल किया गया। यहां के बाशिंदों को खुद के 'शहरी होने का गुमान हो चला। उम्मीद पाल बैठे कि अब रहन-सहन बेहतर होगा। सुविधाएं और संसाधनों क...