बलिया, जून 7 -- युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष तथा स्किल्ड बनाने में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की बेहद खास भूमिका है। छात्र-छात्राओं की संख्या के सापेक्ष सरकारी संस्थान कम होने के चलते अस्तित्व में आए निजी आईटीआई संचालकों की राह में 'सिस्टम की कई बाधाएं हैं। छात्र संख्या कम होने पर विभाग की चेतावनी का सामना करना पड़ता है। छात्रवृत्ति में भी जिम्मेदारों की मनमानी चलती है। संचालकों का कहना है कि मान्यता प्राप्त आईटीआई के लिए सरकार अनुदान की व्यवस्था करे तो वे कहीं बेहतर परिणाम दे सकते हैं। एक निजी आईटीआई परिसर में जुटे संचालकों ने 'हिन्दुस्तान से बातचीत में संस्थान के संचालन में आ रही बाधाओं का जिक्र किया। बेहतरी के उपाय भी सुझाए। प्राइवेट आईटीआई संगठन के जिलाध्यक्ष अनूप कुमार तिवारी ने बताया कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान देश में ...