बलिया, मई 19 -- समय के साथ जिला अस्पताल में सुविधाएं बढ़ी हैं, लेकिन लापरवाही से आम लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। मार्बल-टाइल्स वाले शौचालय बदहाल हो गए हैं। कई के दरवाजे टूटे हैं। वार्डों में पंखे दुरुस्त नहीं होते। मरीजों के साथ रहने वाले तीमारदारों के लिए अस्पताल में रात गुजारना चुनौती है। ऐसी कोई जगह नहीं होती, जहां वे आराम कर सकें। कैंटीन न होने सेे उन्हें बाहर की दुकानों से गर्म पानी, चाय-नाश्ते का इंतजाम करना पड़ता है। जिला अस्पताल के नए भवन में 'हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान मरीजों के तीमारदारों ने अपनी परेशानियों को साझा किया। जयप्रकाश नारायण ने कहा कि अस्पताल में मरीजों की देखभाल करने वाले परिवार के सदस्य, रिश्तेदार या मित्र होते हैं। मरीज को समय से दवाएं देने, खाना खिलाने, कपड़े बदलने आदि काम तीमारदार ही कराते हैं। तीमारदारो...