फिरोजाबाद, सितम्बर 27 -- फिरोजाबाद की श्रमिक बस्तियों में कई परिवार कर्ज के चंगुल में फंसे थे। किसी ने बेटी की शादी के लिए कर्ज लिया था तो किसी ने परिवार के सदस्य के बीमार होने पर। पांच से दस फीसद पर मिलने वाले इस कर्ज के बोझ तले दबी महिलाएं आज खुद सशक्त हैं। इन महिलाओं ने खुद को सशक्त बनाया है स्वयं सहायता समूह की मदद से। यह समूह से जुड़कर आपस में बचत करती हैं तो जब भी इन्हें किसी काम के लिए धन की जरूरत पड़ती है तो समूह से दो फीसद की ब्याज पर ऋण लेती हैं। इससे जहां मोटी ब्याज से छुटकारा मिल रहा है तो किस्तों में रकम भरने की सहूलियत भी। मिलने वाले ब्याज से समूह भी मजबूत हो रहा है। हिन्दुस्तान के बोले फिरोजाबाद के तहत श्रमिक बस्तियों में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं से संवाद किया तो उन्होंने कहा कि समूह से काफी मदद मिली है। कई महिलाएं म...
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