फिरोजाबाद, फरवरी 24 -- रोडवेज बस का दिन रात संचालन करने के बाद भी कर्मचारियों को मेहनत का रुपया हाथ नहीं लगता। अगर कम आमदनी और अगर डीजल का सही औसत नहीं आया तो भी रुपया काट लिया जाता है। हद तो तब होती है जब राजस्व का रुपया भी वर्कशाप में कम आमदनी होने पर राजस्व पूरा होने तक जमा नहीं किया जाता। सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक परेशानी चालक, परिचालक को उठानी पड़ती है। क्योंकि सर्द मौसम में भी सवारियां बहुत कम मिलती हैं और उस समय भी राजस्व की कमी के बीच रुपया जमा करने में आनाकानी की जाती है। यह शोषण की मार सिर्फ संविदा कर्मचारियों को ही भुगतनी पड़ रही है। शिकोहाबाद डिपो में संविदा पद के 118 चालक एवं 92 परिचालक हैं। जबकि नियमित चालकों की संख्या कुल 42 एवं परिचालक की संख्या 42 हैं। डिपो में 85 फीसदी संविदा चालक-परिचालक हैं। संविदा कर्मियों के सहारे...