फिरोजाबाद, मई 1 -- एक मई यानी मजदूर दिवस। मजदूरों के महत्व को बताता है। मजदूर पर ही देश की अर्थव्यवस्था निर्भर है। फैक्ट्रियों में उत्पादन की बात हो या फिर कहीं पर भवन बनने की। बगैर मजदूर संभव नहीं है। हर कार्य में मजदूरों की जरूरत पड़ती है। यही वजह है कि मजदूरों के लिए सरकार ने भी कई कानून बनाए हैं। मजदूरों से जुड़े हुए कई संगठन हैं लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित हैं वो मजदूर। जो हर सुबह अपने श्रम का सौदा कराने के लिए मजदूर मंडी में पहुंचते हैं। इनमें से अधिकांश का भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण भी नहीं। हर आने वाले को आस भरी निगाहों से ताकते हैं कि शायद उसे मजदूरों की जरूरत हो लेकिन इसके बाद भी जब इन्हें काम नहीं मिल पाता है तो फिर निराश कदमों से घर लौटते मजदूरों की आंखों में घर पर बच्चों की अधूरी उम्मीदों का दर्द भी नजर आता...
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