फिरोजाबाद, अगस्त 8 -- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सरकार ने लागू कर दिया है, लेकिन कॉलेजों में पढ़ाने वाले प्रोफेसर्स में भी इस शिक्षा नीति को लेकर दो मत हैं। कहीं पर शिक्षक इस नीति को अहितकारी बताते हुए दुष्परिणाम गिनाते हैं तो कई शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को छात्र हित में बताते हुए कहते हैं कि इससे आने वाली पीढ़ी को काफी लाभ मिलेगा। उनकी निगाहों में यह शिक्षा नीति शिक्षा की दोहरी व्यवस्था को खत्म करने का काम करेगी। हालांकि संसाधनों के अभाव की बात सभी स्वीकारते हैं तथा उनकी निगाहों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लाभकारी बनाना है तो कॉलेजों में पहले संसाधन बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। हिन्दुस्तान के बोले फिरोजाबाद के तहत एसआरके महाविद्यालय के विभिन्न संकाय के प्रोफेसर्स से जब इस विषय पर संवाद किया तो कई सुझाव सामने आए तो कई समस्याएं भी। प्रोफेसर्...