फिरोजाबाद, सितम्बर 7 -- फिरोजाबाद। इंडियन नॉलेज सिस्टम यानी आईकेएस। एनसीईआरटी ने इसे पाठक्रम में शामिल कर दिया है। हिंदी, अंग्रेजी एवं गणित में इसे समाहित करने के पीछे मंशा है बच्चों को प्राचीन शिक्षा पद्धति से परिचित करना। बदलते दौर में परिवार एकल हो रहे हैं। संयुक्त परिवार थे तो दादा-दादी के बीच रहते हुए बच्चे कई नुस्खे भी समझने लगते थे। संयुक्त परिवार में बुजुर्ग डॉक्टर की दवाई से पहले घर में ही इस्तेमाल होने वाली चीजों से छोटे-मोटे इलाज कर दिया करते थे तो दादा-दादी की कहानियों से सामाजिक समझ भी विकसित होती थी, लेकिन आज एकल परिवार में बच्चे इससे दूर हो रहे हैं। इसके लिए एनसीईआरटी ने पाठक्रम में इंडियन नॉलेज सिस्टम को जोड़ा है। नए पाठक्रम को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित भी किया जा रहा है, ताकि शिक्षक बच्चों को इन्हें ...