फिरोजाबाद, अप्रैल 19 -- आए दिन सुबह के वक्त होने वाले सड़क हादसे। कभी शिक्षक शिकार होते हैं तो कभी महिला शिक्षिकाएं। बीते दिनों उन्नाव में हुए हादसे ने तो शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हुए शिक्षकों को अंदर तक झकझोर दिया। सुबह जल्दी के स्कूल। महिला शिक्षिकाओं के समक्ष दिक्कतें ज्यादा हैं। सुबह उठकर परिवार को भी देखना है तो इसके बाद स्कूल की तैयारी। किसी को स्कूल पहुंचने में आधा घंटे का वक्त लगता है तो किसी को पौन घंटे का वक्त। घर से वक्त पर निकलें तो मार्ग में कई बार जाम की स्थिति से दो-चार होती हैं तो कभी वाहन की खराबी। इधर स्कूलों का निरीक्षण स्कूल खुलने से पहले ही शुरू हो जाता है तथा दस मिनट की देरी होने पर भी वेतन रुक जाने का खौफ। यह तनाव भी कई बार हादसों की वजह बनता है...। शिक्षिकाओं देश का भविष्य निर्माता कहा जाता है। यह सही है कि कुछ शिक्षक...