फर्रुखाबाद कन्नौज, मार्च 20 -- जनपद में बड़ी संख्या में महिला समूह के काम करने के बाद भी अभी उन्हें भी सहयोग की दरकार है। ये आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हो सके हैं। कहीं पर रिवाल्विंग फंड की समस्या है तो कहीं पर उनके सामने उत्पादों की मार्केटिंग की। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान महिला समूह से जुड़ी उमेश कुमारी कहने लगीं कि एक समस्या हो तो उसे बताया जाए। सबसे बड़ी दिक्कत तो बैंक वालों से है जो कि सीधे मुंह बात तक नहीं करते हैं। काम के लिए उलझाए रहते हैं। इन परिस्थितियों में अक्सर महिला समूहों की सदस्यों को अपमानित होना पड़ता है। समूह से जुड़ी कल्पना कहने लगीं कि समूह की समृद्धि के लिए बहुत बड़ी बात की जा रही है पर अभी भी वास्तविक रूप से उस पर काम नहीं हुआ है। यदि महिला समूहों को सरकार से जुड़ी मिड डे मील व्यवस्था का जिम्मा मिल जाए त...
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