फर्रुखाबाद कन्नौज, मई 11 -- दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता मां और बच्चे का होता है। यह जगजाहिर है। बच्चे को यदि किसी प्रकार का कष्ट होता है उसे सबसे पहले मां ही भांप लेती है। अपना सब कुछ दांव लगाने के बाद भी बच्चों की परवरिश में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आने देती है। आज मां को अपनो से कुछ नहीं बल्कि प्यार चाहिए। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान ने महिलाओं से चर्चा की। गीता कहने लगीं कि बच्चों की सफलता के लिए क्या से क्या नहीं करना पड़ता है। मां से बेहतर त्याग की मिसाल और कोई नहीं हो सकता है। इसमें चाहें अशिक्षित महिला ही क्यों न हो। सब कुछ दांव पर लगाने के बाद भी वह अपने बच्चों को काबिल बनाने के लिए जीजान लगा देती है। लेकिन यदि किसी का बेटा सैनिक है। तो उसका तो त्याग और तपस्या अन्य माताओं की तुलना में और बढ़ जाती है। एक सैनिक की माता तो उसी समय...
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