फर्रुखाबाद कन्नौज, फरवरी 18 -- फर्रुखाबाद। बदले समय के साथ ही बैंड बाजा का कारोबार भी पूरी तरह बदल चुका है। अब बैंड बाजा वालों को न तो ग्राहक मिल रहे हैं और न ही सरकारी योजनाओं का लाभ। ऑफ सीजन में मुफलिसी में दिन गुजरते हैं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान बैंड बाजा संचालक मास्टर राजू कहते हैं कि वर्षों पुराना उनका काम है लेकिन अगली आने वाली पीढ़ी इस पैसे से तौबा कर रही है। क्योंकि इसमें खर्च ज्यादा होता है और आमदनी उतनी नहीं होती है जितनी आवश्यक है। कई बैंड बाजा संचालक अपने खानदानी धंधे को छोड़कर दूसरे कार्यों में जा रहे हैं। सरकारी योजनाओं जैसे आयुष्मान कार्ड, मुफ्त राशन योजना का लाभ भी नहीं मिलता है। पेशे के लिए अच्छा ड्रम, शहनाई, ट्रंपट, ब्रास आदि बजाने वाले अब कारीगर भी नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में कारीगरों की समस्या भी ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.