फर्रुखाबाद कन्नौज, मई 6 -- फर्रुखाबाद स्टेशन से दो दर्जन ट्रेनें ट्रैक पर दौड़ती हैं, मगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्म पर काम करने वाले वेंडर सुविधाओं के ट्रैक पर आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। उनके सामने जो समस्याएं हैं उसके समाधान के लिए यदि प्रयास हों तो काफी सहूलियत मिले। वेंटर सबसे अधिक बंदरों की समस्या से दुखी हैं। देखते ही देखते बंदर हजारों रुपये का सामान तहस नहस कर देते हैं इसका असर सीधे आमदनी पर पड़ता है। आपके अपने 'अखबार हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान राजेश गुप्ता कहने लगे कि वे 24 घंटे सामान बेचते हैं। सामान बिके या न बिके बीमार हो या अन्य कोई समस्या हो किराया देना ही पड़ता है। लंबी दूरी की ट्रेनों के स्टापेज तो हैं मगर ट्रेन ज्यादा देर नहीं रुकती है। इससे सीधे तौर पर कारोबार पर असर पड़ता है। लोकल रूट की ट्रेनों में जरूर सहूलियत मिल जाती ह...