फर्रुखाबाद कन्नौज, जून 1 -- जिले में कबड्डी का जो क्रेज पहले था वह अब नहीं दिखाई पड़ रहा है। बदले समय मेें अन्य खेलों को जिस तरह से प्रोत्साहन दिया जा रहा है उस तरह से कबड्डी को उचित पहचान नहीं मिल पा रही है। अब तो शहर में छोड़िए गांव में भी उचित मैदान नहीं रह गए हैं। यहां तक कि स्कूल कालेजों के पास मैदान नहीं हैं। जहां पर मैदान हैं भी वहां पर महीनों कबड्डी के अभ्यास नहीं होते हैं। सिर्फ विद्यालयों की वार्षिक प्रतियोगिताओं में लीक पीट ली जाती है। खिलाड़ियों में भी अब पहले जैसी रुचि कबड्डी में नहीं रह गयी है। स्पोर्ट्स स्टेडियम की बात करें तो यहां पर भी कबड्डी में किसी कोच की तैनाती नहीं है। मैट भी नहीं है। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान कबड्डी खिलाड़ी पायल ने कहा कि प्रैक्टिस में काफी दिक्कत होती है। न ही कोच हैं और न ही मैट ह...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.