फर्रुखाबाद कन्नौज, अप्रैल 18 -- माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार शिक्षणेत्तर कर्मचारी काम कर रहे हैं। उनके ऊपर काम का तो दबाव है मगर यह किसी भी जिम्मेदार ने नहीं सोचा कि उनकी समस्याएं क्या हैं? चाहें बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी की बात हो या फिर वेतन संबंधी दिक्कतें। इसके निराकरण के लिए शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को लंबी दौड़ भाग करनी पड़ती है। जब से माध्यमिक विद्यालयों में आउटसोर्सिंग कर्मियों का दखल हो गया है तब से और भी सिस्टम खराब हो गया है। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से बातचीत में माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ के प्रदेश संयोजक राजेश निराला कहने लगे कि विद्यालयों में बीएड और एलटी प्रशिक्षित होने के बाद भी कर्मचारियों को शिक्षक पद पर प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है जबकि संघ की ओर से पिछले एक दशक से 25 फीसदी कोटा निर्धारित कर पदोन्नति दिए जान...
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