फर्रुखाबाद कन्नौज, फरवरी 23 -- सरकारी, आउटसोर्स और संविदा कर्मियों के सामने ढेर सारी समस्याएं हैं। हालात ये हैं कि जब कर्मचारी समस्या से संबंधित प्रार्थनापत्र अपने विभागाध्यक्ष को देते हैं तो उस पर जल्दी सुनवाई नहीं होती। कर्मचारियों के सामने भी जो विभागीय स्तर की दिक्कतें हैं उसके समाधान के लिए विभागाध्यक्ष गंभीर नहीं हैं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान ने जब सरकारी और आउटसोर्सिंग व संविदा कर्मियों से बातचीत की तो उनका दर्द जुबां पर आ गया। राज्य कर्मचारी महासंघ के महामंत्री प्रमोद दीक्षित कहने लगे कि कौन-कौन विभाग की बात करें लगभग सभी विभागों में एक जैसी स्थिति है। जब तक जोर नहीं लगाया जाता है तब तक कर्मचारियों की विभागीय स्तर की समस्याएं भी नहीं निपट पाती हैं। नलकूप विभाग की समस्या को उठाते हुए कहने लगे कि बगैर नोटिस के एक कर्मी को सस्पें...