फतेहपुर, फरवरी 19 -- फतेहपुर। राशन वितरण प्रणाली में अहम कड़ी कहे जाने वाले सरकारी राशन कोटेदारों ने आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान कई समस्याओं को उठाया। उन्होंने कहा कि कोटेदार सरकारी अधिकारियों की मनमानी, ठेकेदार की लापरवाही और सर्वर समस्या से जूझ रहे हैं। हमारी समस्याओं को सुनने के बाद उनका निस्तारण नहीं किया जाता है। कई कोटे की दुकानों के बाहर रास्ता ही खराब है। खागा के कोटेदार भोला सिंह ने बताया कि राशन वितरण के 15 दिन पहले गेहूं और चावल की बोरियां कोटेदारों की दुकान में भिजवाई जाती हैं। उनका कहना है कि गोदाम में पहले बोरियों पर पानी का छिड़काव कर दिया जाता है। जिससे 48-49 किलो की बोरी का वजन 52-53 किग्रा तक पहुंच जाता है। लेकिन जब वितरण का समय आता है, तब तक बोरियों से नमी सूख चुकी होती है और उसका वजन 48-49 किलो रह जाता...