प्रयागराज, जुलाई 23 -- प्रयागराज, हिन्दुस्तान टीम। गंगा-यमुना का जलस्तर भले ही कम हो रहा है लेकिन बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वालों की दुश्वारियां अभी कम नहीं हुई हैं। बड़ी तादात में लोग अब भी अपने ही शहर में घर-गृहस्थी छोड़ राहत शिविरों में शरणार्थी बने हुए हैं। जिन्हें राहत शिविरों में शरण मिली उनकी खुशकिस्मती यह थी कि वे इसी शहर के रहने वाले हैं और उन्हें 'अपना लिया गया लेकिन हजारों ऐसे भी हैं जिनसे मुसीबत की घड़ी में इस शहर ने मुंह मोड़ लिया। ये बदकिस्मत हैं इस शहर में किराए पर रहने वाले वे छात्र जो अपना भविष्य संवारने का सपना लेकर यहां पढ़ने आए हैं लेकिन जब प्राकृतिक आपदा इनके ठिकानों तक पहुंची तो इन्हें बाहरी बताकर ठुकरा दिया गया और जिम्मेदारों ने भी इनसे नजरें फेर रखी हैं। गाजीपुर के पंकज राय दो साल से छोटा बघाड़ा के ढरहरिया में ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.