गंगापार, अगस्त 21 -- सैदाबाद हर साल की तरह गंगा की बाढ़ के चलते लगभग एक दर्जन गांवों के किसानों की खरीफ की फसल नष्ट हो गई है। सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही व कृषि बीमा न होने के कारण किसानों को मुआवजे से वंचित रहना पड़ता है। किसान की मूलभूत आवश्यकता फसल नष्ट हो जाने से पूरी नहीं हो पाती ही। कर्ज लेकर किसान खेती करता है। पशुओं से बोई गई फसलों की सुरक्षा के लिए दिन रात पशुओं के पीछे दौड़ता है। फिर भी उसकी फसल नष्ट हो जाती ही। पशुओं से नुकसान होने के बाद थोड़ी बहुत फसल किसानों को मिल जाती है लेकिन गंगा में आई बाढ़ पूरी फसल नष्ट कर देती है। खेती के बल पर बेटी के हाथ पीले करने के सपने देख रहे किसान को मायूसी ही मिलती है। खेती के लिए साहूकारों से कर्ज लेकर किसान फसलों की बोआई करता है लेकिन फसल बर्बाद होने से कर्ज के जाल में फंसता जाता है। नतीज...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.