गंगापार, मई 24 -- कोरांव की खस्ताहाल सड़कें मेजा और मांडा की पहाड़ियों से उतरने के बाद बसहरा और रामपुर बखार गांव से शुरू हुई टूटी-फूटी सड़कें और कच्ची पगडंडी जहां से मिलना शुरू हो जाय तो समझ लीजिए कि अब हम कोरांव तहसील में पैर रख चुके हैं। जहां पड़ोस की मेजा विधानसभा के प्रत्येक ग्राम पंचायत से लेकर राजस्व गांवों में सड़कों का जाल बिछा हुआ है वहीं कोरांव विधानसभा में इसका बिल्कुल उल्टा है। आज भी अधिकतर गावों के लोग बरसात के दिनों में कच्चे एवं पगडंडी से गुजरने को बाध्य हैं। इसी तरह बड़ी सड़कों की हालत भी यहां सबसे अधिक खराब है। विभिन्न विभागों से बनाई गई सड़कों में 70% सड़कें टूट कर उबड़-खाबड़ हो गईं हैं, जिस पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। क्षेत्र में विभिन्न विभागों की निर्माण कार्यदाई संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ...