गंगापार, दिसम्बर 25 -- स्वच्छता को पलीता राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन द्वारा गांव को स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों रुपये की धनराशि खर्च करने के बावजूद गांवों की दशा जस की तस है। धन का कितना सदुपयोग गांव के विकास के नाम पर हुआ है, गांवों में पहुंचकर देखा जा सकता है। सर्वेक्षण के तौर पर देखा जाए तो गांव विकास मेजा व उरुवा के विभिन्न गांवों में निर्मित सुलभ शौचालय व रिसोर्स रिकवरी सेंटर (आरआरसी) में अधिकांश की हालत जस की तस है। तीन वर्ष पूर्व निर्मित सामुदायिक शौचालय में अधिकांश में गांव के लोग पहुंच नहीं पा रहे हैं, आसपास शौचालय न होने से महिलाएं व पुरुष सड़कों व नहरों की पटरियों पर खुले में शौच करने को मजबूर हैं। लाखों से निर्मित आरआरसी में आज तक गीला व सूखा कचरा नहीं पहुंच सका। गांव का कूड़ा कचड़ा लोग आसपास खाली पड़ी जमीन पर फेंक रहे हैं। आरआरसी पूर...