गंगापार, मार्च 6 -- जिले की गल्ला मंडियों में लेड़ियारी की अपनी अलग पहचान है। यहां से चावल गैर जिलो, गैर प्रांत नहीं विदेशों में भेजा जाता है। इसी तरह कोरांव की गोला मंडी की खास अहमियत है। लेकिन यहां के पल्लेदारों की समस्या कोई नहीं सुनने वाला है। पल्लेदारों का कहना है कि हमारी नीयत में ही बोरा ढोना है लेकिन उसकी मजदूरी तो मिले। लेकिन न तो मंडी के जिम्मेदार और न ही सरकार के नुमाइंदे (जिनमें अफसर और सांसद विधायक शुमार हैं) इस ओर ध्यान देते हैं। मंडी में अव्यवस्थाओं की भरमार है। कई पल्लेदारों ने बताया कि मंडी समिति परिसर में शौचालय बना हुआ है लेकिन उसे केवल व्यापारियों के प्रयोग के लिए बताया जाता है। उसकी देखभाल भी व्यापारियों के भरोसे होने से वह भी गन्दगी से पटा हुआ रहता है। उन्हे शौच के लिए बाहर खेतों की ओर जाना पड़ता है। पीने के पानी की ...