गंगापार, सितम्बर 18 -- वरूणा बाजार सड़क सिर्फ चलने, आवागमन का साधन भर नहीं होती। सड़क विकास, संपर्क, कर्मस्थली तक पहुंच और सामाजिक भाईचारे को बढ़ाने वाली होती है। यदि यही अस्त व्यस्त रहती है तो उक्त सभी बातों पर प्रभावकारी असर पड़ता है। इस बात को जनता से चुनी हुई सरकारें भी भलीभांति समझती है। जिसके चलते सरकारें भी सभी विकास कार्यों में इस पर विशेष ध्यान रखती हैं। वर्तमान की डबल इंजन की सरकार में सड़कों के निर्माण, चौड़ीकरण और मरम्मतीकरण का कार्य प्रथम वरीयता पर रहता है। लेकिन इसको कार्यरूप देने वाले विभाग और कार्यदाई संस्थाओं को क्या कहें कि इनकी कार्यप्रणाली पर आमजन उंगली उठाना शुरू कर देते है। इनकी कार्यप्रणाली से सरकार की मंशा पर भी पानी फिरने लगता है। आखिर ऐसा मरम्मतीकरण का कार्य कराया ही क्यों जाता है जो टिकाऊ न हो और पांच-छह महीने में ही...