गंगापार, जून 15 -- बहरिया में हाट का हाल गावों में किसानों के उत्थान के लिए बीस साल पहले बड़ी ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा की जमीन पर हाट बाजार के नाम से लाखों रुपये खर्च कर शेड का निर्माण कराया गया था। सरकार की सोच थी कम दूरी तय कर गांव के किसान अपने खेत से उपजाए गए सब्जियों और अनाज को लेकर गांव में ही हाट बाजार पहुंचे और बेच दें। किंतु सरकार द्वारा बनाए गए हाट बाजार को ग्रामीण समझ ही नहीं सके की किस मकसद से हाट के लिए शेड बनाया गया है। यही कारण है कि गांव में बने हाट शोपीस बनकर खड़े रह गए। सरकार, अधिकारी और ग्राम पंचायतें हाट बाजार बनवाकर प्रचार प्रसार करना भूल गए जिसके कारण सरकार का लाखों रुपये खर्च करना बेमतलब साबित हो रहा है। अफसरों की लापरवाही के कारण किसान कई किलोमीटर चलकर दूर की मंडियों में जाकर अपनी उपज बेच रहा है। गांव के लोग भी...
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