गंगापार, अप्रैल 18 -- सदियों से स्थानीय जीव जगत को अपनी छांव में पोषित कर रही कैमूर पर्वत श्रृंखला और सतत प्रवाहिनी बेलन आज अपने अस्तित्व को लेकर सहमी हुई है। इतना ही नहीं समूचे कोरांव क्षेत्र में विस्तारित पहाड़ियां भी अपने मूल स्वरूप को खो चुकी हैं। खनन माफिया के हथौड़ों की चोट से इनका सौंदर्य नष्ट हो चुका है। काली कमाई डकार रहे जिम्मेदार भी पूरी तरह मौन साधे हुए हैं। यदि यही हाल रहा तो महज कुछ ही सालों में कोरांव की प्राकृतिक सुंदरता महज एक कहानी बनकर ही रह जाएगी। कैमूर पर्वत शृंखला पूरब के बिहार प्रान्त के रोहतास जिले के सासाराम से मध्य प्रदेश के जबलपुर के कटनगीं तक फैली है। इसी के बीच प्रयागराज की कोरांव तहसील का लगभग 15 किमी का क्षेत्र आता है। इस छेत्र की सुन्दरता और प्राकृतिक सौम्यता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए जारी किए गए न्यायाल...
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