भागलपुर, मई 22 -- वर्ष 1995 से विभिन्न स्कूलों में चालू हुई एमडीएम योजना के लिए कार्यरत रसोइया को अभी तक सरकारी दर्जा नहीं मिला है। पगार भी काफी कम मिलती है। एमडीएम रसोइया परिवारिक भरण पोषण के लिए कठिन संघर्ष कर रही हैं। न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय पर स्कूलों में मध्याह्न भोजन तैयार करते हैं। इन लोगों की मासिक पगार मात्र 1650 रुपए दी जाती है। सभी स्कूलों में एमडीएम योजना वर्ष 1995 से चल रही है। इस समय से वेतन बढ़ाने के लिए इन लोगों का संघर्ष भी चल रहा है। पूर्णिया में 2283 स्कूलों में से मात्र 7462 एमडीएम रसोइया कार्यरत गए हैं। संवाद के दौरान रसोइयों ने अपनी परेशानी बताई। 1650 रुपये मानदेय मिलता है एमडीएम रसोइया को 1995 से चल रही है सभी स्कूलों में एमडीएम योजना 7462 एमडीएम रसोइया कार्यरत हैं पूर्णिया जिले के स्कूलों में रसोइया या खानसा...
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