भागलपुर, अगस्त 11 -- प्रस्तुति : मुकेश कुमार श्रीवास्तव समाहरणालय संवर्ग के लिपिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से प्रशासनिक कार्य ठप हो गए हैं। यह टकराव सिर्फ कर्मचारियों और सरकार के बीच नहीं, बल्कि आम नागरिकों की जरूरतों से भी जुड़ा है। 232 लिपिकों की 10 सूत्री मांगों पर अबतक सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया है। बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) पटना ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा, लेकिन समाधान न मिलने से आंदोलन तेज हो गया। 8 अगस्त को राज्यभर में कैंडल मार्च और 9 अगस्त से हड़ताल शुरू हुई। प्रशासनिक मशीनरी के ठप होने से जनता को भारी परेशानी हो रही है, इसलिए सरकार को जल्द पहल कर स्थिति सामान्य करनी होगी। बिहार में समाहरणालय संवर्ग के लिपिकों की नाराजगी अब चरम पर है। बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) पटना द्वारा मुख्यमंत्री को सौ...