भागलपुर, सितम्बर 17 -- प्रस्तुति : मुकेश कुमार श्रीवास्तव पूर्णिया का बाड़ीहाट दुर्गापूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि शहर की सांस्कृतिक धरोहर है। बांग्ला पद्धति से पूजा, सिंदूर खेला और शोभायात्रा इसकी खास परंपरा है। इस वर्ष का आयोजन और भी खास है क्योंकि बाड़ीहाट दुर्गापूजा अपने 60वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। आयोजकों ने इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए विशेष तैयारियां की हैं। पहली बार यहां पूजा पंडाल को ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर की शैली में तैयार किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को पुरी की झलक मिल सके। समिति के अनुसार, इस बार पंडाल को देखने न केवल मोहल्ले के लोग बल्कि दूर-दराज से भी श्रद्धालु पहुंचेंगे। यदि प्रशासन समय पर सफाई, रोशनी और अन्य बुनियादी इंतजाम कर दे तो श्रद्धालु निश्चिंत होकर माता की आराधना कर सकेंगे। पूर्णिया शहर का बाड़ीहाट म...