पूर्णिया, दिसम्बर 4 -- प्रस्तुति : मुकेश कुमार श्रीवास्तव पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के पार्क शहर की हरियाली, सुंदरता और पहचान के प्रतीक हैं। लेकिन इनकी बदहाली प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोलती है। करोड़ों रुपये खर्च कर विकसित किए गए पार्क आज उपेक्षा की भेंट चढ़ रहे हैं। अधिकांश पार्कों में झूले टूटे हैं, लाइटें बंद पड़ी हैं और सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। इससे न केवल शहर की खूबसूरती घट रही है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और मानसिक सुकून पर भी असर पड़ रहा है। आवश्यकता है कि नगर निगम, वन विभाग और जनप्रतिनिधि मिलकर इन पार्कों के पुनरुद्धार के लिए ठोस कदम उठाएं। नियमित देखरेख, सुरक्षा व्यवस्था और हरियाली अभियान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यदि समय रहते सुधारात्मक प्रयास नहीं किए गए तो आने वाले दिनों में ये पार्क अस्तित्व खो देंगे और शहरवासी सार्वजनि...