भागलपुर, मार्च 22 -- 1980 के दशक में चीनी मिल के बंद हो जाने के बाद पूर्णिया जिले के किसानों की हालत खराब हो गई थी। गन्ना की खेती घाटे का सौदा बन गई। किसानों ने अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए भागलपुर और खगड़िया जिले की तरह नगदी फसल के रूप में केला की खेती करने का प्रयास शुरू किया। पूर्णिया जिले में सबसे पहले वर्ष 1984 से लेकर 1987 तक टीकापट्टी थाना क्षेत्र में केले की खेती की शुरुआत छोटे पैमाने पर हुई। इस खेती में मुनाफा को देखकर वर्ष 1990 से लेकर वर्ष 2006 तक पूर्णिया का पश्चिमी इलाका 'केलांचल' बन गया था। उस समय केले की खेती करना किसानों के लिए 'स्टेटस-सिंबल' बन गया था। बाद के दिनों में जब केले की फसल में बीमारी शुरू हो गई तो बड़े पैमाने पर केला की फसल की बर्बादी हुई। किसान टूट गए और केले की खेती छोड़ने लगे। संवाद के दौरान किसानों ...