भागलपुर, मार्च 19 -- दर्जी की सिलाई मशीन अब तक के महत्वपूर्ण तकनीकी आविष्कारों में से एक है। इस पेशे ने परिधान व्यापार में क्रांति लाई। जब रेडीमेड कपड़ों और शॉपिंग मॉल का क्रेज नहीं आया था तो दर्जी ही फैशन डिजाइनर माने जाते थे। दुकान पर लंबी कतार लगती थी। आज इनका व्यवसाय धीमा हो गया है। टेलरिंग की बड़ी-बड़ी दुकानें भी बंद प्राय: होने लगी हैं। कर्मी बेरोजगार होकर परदेस में कपड़ों की एक्सपोर्ट कंपनी में काम करने लगे। हालांकि अभी भी जिले में 2000 से अधिक दर्जी की दुकानें हैं और इसी पेशे से 10 हजार से अधिक लोगों की जीविका चलती है। जानकार बताते हैं कि पांच हजार से अधिक दर्जी पलायन कर दिल्ली, पंजाब और भटिंडा के एक्सपोर्ट कंपनी में काम करते हैं। 02 हजार से अधिक हैं जिले में दर्जी की बड़ी-बड़ी दुकानें 10 हजार से अधिक लोगों की जीविका चलती है दर्जी...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.