पूर्णिया, जून 19 -- प्रस्तुति: अवधेश राय अंग्रेज के जमाने में बना जानकी नगर रेलवे स्टेशन आज भी कई मायने में विकास से अछूता है। एक तरफ यात्रियों के लिए शौचालय की कमी है तो दूसरी तरफ शुद्ध पेयजल का भी घोर अभाव है। यहां दो हजार से अधिक लोग रोजाना जानकी नगर रेलवे स्टेशन से विभिन्न जगहों के लिए यात्रा करने आते हैं। पहले के जमाने में छोटी लाइन थी और अब बड़ी लाइन हो गई है। बनमनखी के सुदूरवर्ती इलाके से 250 से अधिक बाइक सवार और साइकिल सवार ट्रेन की यात्रा करने आते हैं जिनको अपना वाहन पार्किंग करने का झमेला लगा रहता है। महिलाओं को अलग से शौचालय नहीं रहने का मलाल भी यात्री को रहता है और इनके लिए प्रतीक्षालय की अच्छी सुविधा न होना भी इनका मन खट्टा कर जाता है। बड़ी-बड़ी ट्रेनों के ठहराव की मांग भी बहुप्रतीक्षित रही है। हिन्दुस्तान के बोले पूर्णिया अभ...