भागलपुर, जून 26 -- प्रस्तुति: भूषण/आलोक पूर्णिया जिले में शहर से लेकर गांव तक आवारा कुत्तों का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि स्कूल जाते बच्चे हों या गलियों में खेलने वाले मासूम, सभी डरे-सहमे हैं। रूपौली प्रखंड के नाथपुर पंचायत सहित कई गांवों में कुत्तों का आतंक इस कदर है कि लोग बच्चों को घर से बाहर भेजने में डरते हैं। इसी वर्ष जिले में पागल कुत्तों के हमले में दो बच्चों की मौत हो चुकी है। अकेले मई महीने में रूपौली रेफरल अस्पताल में डॉग बाइट के 48 मामले सामने आए, जिन्हें रेबीज वैक्सीन दी गई। सालाना आंकड़ों की बात करें तो जिले में पांच सौ से अधिक लोग कुत्तों का शिकार बनते हैं। बच्चों की जान बचाने के लिए अब प्रशासन को कुत्तों के स्टरलाइजेशन यानी नसबंदी जैसे स्थायी उपायों पर गंभीरता से विचार करना होगा। यह बातें हिन्दुस्तान के ब...