भागलपुर, जुलाई 11 -- प्रस्तुति: राजीव रंजन शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं। वह समाज को एक आकार देतें हैं। कहते हैं कि गुरु से बड़ा कोई नहीं होता। फिर भी शिक्षकों को तमाम समस्याओं से जूझना पड़ता है। कभी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्ष करना पड़ता है तो कभी दूर दराज इलाके में तैनाती होने पर घंटों का सफर तय करना पड़ता है। गैर शैक्षणिक कार्यों ने तो शिक्षकों को और भी परेशान कर रखा है। सरकार के कई निर्णय से शिक्षक नाराज हैं। शिक्षकों का कहना है कि नई पेंशन योजना को खत्म कर पुरानी पेंशन योजन को लागू किया जाए। पेंशन ही बुढ़ापे का सहारा है उसे भी छीन लिया जा रहा है। शिक्षक एच्छिक ट्रांसफर में कमियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं। परिवर्तनकारी शिक्षा संघ के शिक्षकों का कहना है कि बिहार में शिक्षकों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रहे हैं। पुर...