भागलपुर, फरवरी 14 -- रिंच और सिरिंज के लिए चर्चित पूर्णिया में मोटर मैकेनिक और ऑटोमोबाइल वर्कर्स की हालत अच्छी नहीं है। शहर में 1000 से अधिक रिंच और ऑटोमोबाइल वर्कर काम कर रहे हैं जिसमें 500 से अधिक रिंच चलने वाले मिस्त्री हैं जो सड़क के किनारे अपनी दुकान सजाते हैं और शाम होते-होते दुकान हटा लेते हैं। इन्हें न तो स्थायी दुकान है और ना कोई स्थायी प्लेटफॉर्म। इनका न तो मजदूर की श्रेणी में रजिस्ट्रेशन होता है और ना ही सरकार की तरफ से कोई अनुदान ही मिलता है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान जिले के मोटर और ऑटोमोबाइल मैकेनिक ने अपनी समस्या साझा की। शिकायतें : स्थायी दुकान नहीं रहने के कारण कारोबार हर समय अस्थायी रहता है अतिक्रमण का डंडा सबसे पहले मोटर मैकेनिक पर पड़ता है सरकारी सूची में मैकेनिक की कहीं कोई पहचान नहीं अस्थाई रूप से काम करने के...