सिमडेगा, मार्च 24 -- एक तरफ लोगों का अध्ययन की तरफ रुझान बढ़ाने के लिए सरकार हर जिले में सर्व सुविधा संपन्न पुस्तकालय खोलने का ऐलान कर रही है। वहीं दूसरी तरफ यह विडंबना है कि मेदिनीनगर का मारवाड़ी सार्वजनिक हिन्दी पुस्तकालय शासकीय उदासीनता के कारण अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है। जिस पुस्तकालय में आना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद, महान शिक्षाविद् पंडित मदन मोहन मालवीय के साथ समाजवादी पुरोधा जेपी तक ने अपनी शान समझा था। उस पुस्तकालय की दुर्दशा की स्थिति यह है कि आज चाहकर भी यहां पुस्तकप्रेमी अध्ययन के लिए नहीं आ पाते। हिन्दुस्तान अखबार के बोले पलामू कार्यक्रम के तहत अध्ययन प्रेमियों ने पुस्तकालय की बदहाली को लेकर अपनी पीड़ा खुलकर रखी। प्रस्तुति सतीश/अखिलेश की। मेदिनीनगर। राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन से ले...
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