पलामू, फरवरी 27 -- मेदिनीनगर में कचहरी परिसर और डीसी आवास के लिए अंग्रजों के जमाने में जिस नाई समाज के लोगों ने राजी-खुशी अपनी पैतृक भूमि उपलब्ध कराकर खुद शहर से कई किलोमीटर बाहर जमुने गांव में जमीन लेना स्वीकार किया था, वह समाज वर्तमान में घोर सामाजिक व शासकीय उपेक्षा को झेल रहा है। उन पर नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ अभियान की ऐसी मार पड़ी कि कभी शहर के केंद्र छह मुहान के चौतरफा सड़क के दोनों पटरियों पर अपनी दुकानें सजाने वाले नाई अब ढूंढने से भी दिखाई नहीं देते। हिन्दुस्तान के बोले पलामू पलामू अभियान में नाई समाज के लोगों ने खुलकर अपनी पीड़ा साझा की। मेदिनीनगर। जीवन-मरण और पूजा-पाठ सहित शादी-विवाह आदि तमाम मांगलिक अवसरों पर विशेष उपयोगिता के कारण नाई समाज सदैव से समाज के महत्वपूर्ण अंग रहे हैं। इसके बावजूद उपेक्षा के कारण वर्तमान में नाई समाज...