पलामू, फरवरी 26 -- आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाएं तीन से पांच साल के बच्चों को पोषणयुक्त भोजन के साथ पढ़ाने का काम कर रही हैं। लेकिन मानदेय इतना कम है कि वे अपने बच्चों का लालन-पालन करने में परेशान हैं। जो मानदेय सरकार द्वारा दिया जाता है, वह भी समय पर नहीं मिल पाता है। पर्व-त्योहार के समय तो और मुश्किल हो जाती है। केंद्र के लिए दुकान से उधार में सामान लाना मजबूरी है। सेविका-सहायिकाओं ने हिन्दुस्तान के बोले पलामू कार्यक्रम में में अपनी पीड़ा रखी और समाधान के लिए सुझाव भी दिए। मेदिनीनगर। पलामू जिले के पांचों नगर निकाय और 21 प्रखंडों में 14 बाल विकास परियोजना के तहत संचालित 2595 आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से 0-5 साल तक के बच्चे, गर्भवती और धातृ महिलाएं तथा किशोरियों को कुषोषण से दूर रखने का प्रयास लगातार जारी है। दूसरी तरफ भारत सरकार के स्वास्थ्य म...