पटना, फरवरी 20 -- पटना में स्टेशनरी और कॉपी का बड़ा कारोबार रहा है। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई और दफ्तरों के कामकाज के स्वरूप में आए बदलाव ने इस कारोबार पर असर डाला है। इससे स्टेशनरी के थोक और खुदरा कारोबार से जुड़े कारोबारियों की कमाई घटकर आधी हो गई है। सरकारी व निजी दफ्तरों में काम-काज डिजिटल होने लगा है और कई निजी स्कूल बच्चों को खुद ही कॉपी देने लगे हैं। कारोबारियों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में मुफ्त स्टेशनरी किट वितरण योजना में उन्हें भी किसी रूप में शामिल किया जाये। इससे उनके कारोबार को संजीवनी मिल जाएगी। राजधानी का खजांची रोड, नया टोला और बीएम दास रोड किताबों से कहीं ज्यादा स्टेशनरी सामान और स्कूल बैग के कारोबार के लिए जाना जाता है। यहां हर प्रकार की कॉपियां, पेन, पेंसिल और स्टेशनरी से जुड़े अन्य सामान की थो...
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