पटना, फरवरी 23 -- फिजियोथेरापिस्ट किसी सर्जरी के बगैर भौतिक चिकित्सा के माध्यम से दर्द प्रबंधन और चोट या दर्द का इलाज करते हैं। जीवन शैली में आए बदलाव और दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी की वजह से इनकी भूमिका पहले की अपेक्षा बढ़ी है। मरीजों का दर्द दूर करने वाले फिजियोथेरेपिस्ट खुद कई तकलीफ से गुजर रहे हैं। उन्हें लंबे समय से सरकारी नियुक्ति की उम्मीद है। निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में काम का दबाव रहता है, लेकिन वेतन उसके मुकाबले कम मिलता है। किसी दुर्घटना के कारण चोट लगने, मेडिकल सर्जरी के बाद शारीरिक क्षमता को सामान्य बनाने या खेल-कूद के दौरान चोट लगने की स्थिति में फिजियोथेरेपिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शारीरिक कार्य को प्रभावित करने वाली कई स्थितियों के आकलन, निदान और उपचार में उन्हें विशेषज्ञता हासिल रहती है। दवाओं या सर्जरी के माध्य...