धनबाद, मार्च 18 -- बीसीसीएल में कभी लोडिंग प्वाइंट गुलजार रहता था। लोडिंग प्वाइंट पर खाकी-खादी दोनों की की नजर रहती थी। लोडिंग प्वाइंटों की चमक-धमक से पूरा कोयलांचल प्रभावित होता था। ऊपर से नीचे तक के लोगों को लोडिंग प्वाइंट में दिलचस्पी रहती थी। इसका ठोस कारण भी था। लोडिंग प्वाइंट कमाई का बड़ा साधन था। लोडिंग प्वाइंटों पर वर्चस्व के लिए राजनीतिक घरानों में होड़ लगी रहती थी। इसके लिए राजनीतिक घरानों में तानातनी भी रहती थी। लोडिंग प्वाइंटों पर कब्जे के लिए राजनीतिक दलों में जंग भी होते रहती थी। समय के साथ स्थिति बदलती चली गई। बीसीसीएल में आउटसोर्सिंग कंपनियों की इंट्री के साथ ही लोडिंग प्वाइंटों का महत्व घटता गया। इसकी संख्या में अब गिनती की रह गई है। यहां पर काम करने वाले मजदूर को पर्याप्त मात्रा में काम नहीं मिल पा रहा है। बीसीसीएल में कोय...