देहरादून, जून 20 -- उत्तराखंड में 70 हजार से अधिक योग प्रशिक्षक 20 साल से अपनी नियुक्ति का इंतजार करते-करते थक चुके और आज परिवार के पालन-पोषण के लिए दूसरे कार्यक्षेत्र में थक-हारकर काम करने को मजबूर हैं। उनकी शिकायत है कि हर बार राज्य कैबिनेट में योग प्रशिक्षितों को नियुक्ति का मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। जबकि, सरकार का उद्देश्य योग को बढ़ावा देने के साथ रोजगार के अवसर पैदा करना है। पर, इस इंतजार में कई योग प्रशिक्षितों की आयु सीमा भी अब पूरी हो चुकी है। योग का महत्व हर कोई जानता है और योगनगरी नाम से विख्यात ऋषिकेश साल-दर-साल हजारों योग प्रेमियों और प्रशिक्षकों को आकर्षित करता है। भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग यहां योग सीखने आते हैं। पर उत्तराखंड में करीब 20 वर्षों से हजारों योग प्रशिक्षक नौकरी के इंतजार में हैं? उनका इंतजार...