देवरिया, अप्रैल 30 -- देवरिया। पान सिर्फ शौक या शगल नहीं है। इससे संस्कार, सेहत और समृद्धि का गहरा नाता है। यह तहजीब का सलीकेदार नुमाया है। यह जिले के हजारों परिवारों के घरों का चूल्हा जलाने में मदद कर रहा है, लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें किसी तरह की योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इसके चलते पान के थोक विक्रेता परेशान हैं। पान के थोक व्यवसायी रामजी का कहना है कि उनके दादा-परदादा भी यही कार्य करते थे। पहले पान हमारे जैसे कारोबारियों की कमाई का जरिया हुआ करता था, अब समय के साथ इस कारोबार में नरमी आ गई है। जब कोई रोजगार युवाओं को नहीं मिलता तो किसी जाति या धर्म का हो, वह एक गुमटी लगाकर पान बेचने का कार्य शुरू कर देता है। हर दिन हजारों की कमाई हो जाती थी और उनके घर का चूल्हा जलने लगता था। लेकिन धीरे-धीरे समय बदला और लोग पान खाने की बजाय पान मसा...
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