देवरिया, फरवरी 16 -- देवरिया। सनातन धर्म में 16 संस्कारों के अलावा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की परिकल्पना की गई है। इसके अलावा चार आश्रम भी बनाए गए हैं। इसके तहत पूर्व से चली आ रही परंपराओं में संस्कारों और कर्मकांड का विशेष महत्व है। इनका संपादन करने के लिए पुरोहित की आवश्यकता होती है। शादी-विवाह, अनुष्ठान व पूजा-पाठ कर दान दक्षिणा के सहारे अपना जीवन यापन करने वाले पुरोहितों की जीवन में मुश्किलें भी कम नहीं है। बढ़ती महंगाई के इस दौर में दान-दक्षिणा का उचित निर्धारण नहीं होने से पौरिहित्य कर्म कराने वाले पंडित अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। फिर भी परिवार के जीवन-यापन, बच्चों की पढ़ाई और दवाई के लिए पांडित्य पेशा करना उनकी विवशता है। शहर के देवरिया खास स्थित काली मंदिर के पुजारी यशवंत मिश्रा कहते हैं कि यजमान अपनी समस्याओं के समाधान और कर्...