देवरिया, मार्च 20 -- देवरिया। करीब एक दशक पूर्व तक शुभ के हर कार्यक्रम में लोग बैंड-बाजा बुक कराते थे, लेकिन बदलते परिवेश में आर्केस्ट्रा और डीजे इसकी जगह लेते जा रहे हैं। इसका सीधा असर बैंड-बाजा कारोबार पर पड़ा है। बुकिंग कम होने से कुछ संचालक खर्च घटाने को जहां कलाकारों की संख्या में कटौती करने लगे हैं वहीं कई ने तो धंधा ही छोड़ दिया है। औराचौरी के रहने वाले महाराजा बैंड के मालिक अलीशेर सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं। उनका कहना है कि इस विरासत और परंपरा को बचाने के लिए सरकार ठोस कदम उठाए, जिससे इसे बचाया जा सके। उनका कहना है कि हम लोग सहालग के दिनों में जो कमाते हैं उसी कमाई से पूरे साल रोजी-रोटी का इंतजाम करना पड़ता है। अगर सहालग में कमाई नहीं हुई तो कलाकारों के परिवार के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो जाता है। गौरीबाजार के सरस्वत...