देवरिया, मार्च 7 -- देवरिया। देवरिया डिपो की बसों से प्रतिदिन करीब 10 हजार लोग यात्रा करते हैं। डिपो की रोज की औसत आमदनी करीब 25 लाख रुपये है। इतनी आय के बावजूद डिपो के पास उसका अपना भवन नहीं है। निगम और संविदा कर्मियों को दिन हो या रात, यहां आसमान तले ही रहना पड़ता है। उनके ठहरने के लिए देवरिया डिपो ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं। इसके चलते कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। होटल और बस में भोजन करने के बाद कर्मचारी बस में ही सोने को मजबूर होते हैं। चालक राणा प्रताप सिंह का कहना है कि हम यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखते हैं, पर हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। राज्य कर्मचारियों का दर्जा न मिलने से हम लोग बोनस से भी वंचित हैं। परिचालक प्रिंस कुमार कहते हैं कि बाहर से बस लाने के बाद जब हम लोगों को शौचालय जाना होता है तो दिक्कत होती...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.