देवघर, मार्च 8 -- डीजे और लाईिंटग के बाजार ने ब्रास बैंड की महत्ता को काफी कम कर दिया है। आज की युवा पीढ़ी डीजे की तेज आवाज और लाइटिंग को ज्यादा पसंद कर रही है। जिससे कि पारंपरिक ब्रास बैंड का कारोबार धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है। जहां एक समय में शादी-विवाह के सीजन में बैंड पार्टियों की 60 से 70 बुकिंग हुआ करती थीं, वहीं अब यह संख्या घटकर 30 से 35 के आसपास रह गई है। पहले बारात की शान समझे जाने वाले ब्रास बैंड अब केवल सीमित आयोजनों तक सिमट गए हैं। डीजे की तेज़ धुनों और नई तकनीक के सामने ब्रास बैंड का स्वर दबता जा रहा है। बैंड पार्टी का महत्व और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि : ब्रास बैंड की परंपरा भारतीय समाज में दशकों से चली आ रही है। खासतौर पर उत्तर भारत और बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में शादी-ब्याह, देवी जागरण, जुलू...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.