देवघर, मार्च 12 -- भगवान शिव को नटराज के नाम से भी जाना जाता है। नटराज के रूप में भगवान शिव नृत्य करते हुए देखे जा सकते हैं। सनातन परंपरा में भी कला का विशेष महत्व है। वर्तमान में पारंपरिक कत्थक सहित अन्य नृत्य के साथ सालसा, हिप-हॉप, सोलो डांस, वेस्टर्न डांस सहित अन्य तरह के डांस का भी काफी विशेष महत्व हो गया है। भगवान शिव को कला का जनक कहा जाता है। लेकिन उनकी ही धरती पर स्थानीय कलाकारों की अनदेखी से स्थानीय कलाकार काफी दुखी हैं। बातचीत के दौरान कलाकारों ने कहा कि देवघर में प्रशासन व झारखंड सरकार द्वारा कला को बढ़ावा देने के लिए कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। इससे प्रतिभा को उचित मंच नहीं मिल पाता है। देवघर में कई ऐसे कलाकार हैं जो बॉलीवुड तक में काम कर रहे हैं। बाबा वैद्यनाथ की नगरी देवघर को कला-संस्कृति की नगरी के रूप में भी जाना जाता है...